Sunita gupta

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भारतीय संस्कृति

❤️एक अबोध बालक❤️

🦚भारतीय संस्कृति की धर्म के स्थापना की न्यायशीलता की कुछ बातें जो हमें नहीँ पता -नारी शक्ति की अवहेलना उनको बहुत नागवार गुजरती है जो मात्र उसको चूल्हे चौके व संतान प्राप्ति व गृह कार्य हेतु एक साधन समझते हैं ।
इसी चित्र से सम्बद्ध एक पौराणिक कथा पढ़िए और समझिए आपका ज्ञान वर्धन होगा 🧎🧎


नरकासुर वध के लिए गए श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा का यह चित्र है। नरकासुर के छोड़े अस्त्र को भेदकर दूसरा वार करने के लिए तैयार सत्यभामा के भावों को देखकर लगता है यह वार निर्णायक होगा। सत्यभामा दिखने में जितनी सुंदर है युद्धकला में उतनी ही निपुण भी है।

और जरा श्रीकृष्ण को तो देखिए, नीचे गरुड़ पर बैठे है। बाण छोड़ने के बाद झटका लगने से सत्यभामा का संतुलन न बिगड़े इसलिए अपने पैर से सत्यभामा का पिछला पैर अडा रखा है।

श्रीकृष्ण के हाथ में विश्व का सबसे अचूक मारक अस्त्र सुदर्शन चक्र है। किंतु जब पत्नी युद्ध कर रही है, कृष्ण स्वयं आड़ लेकर बैठे है और पत्नी के युद्ध कौशल को देखकर श्रीकृष्ण बलिहारी है, उसे कौतुक से देख रहे है।

सनातन के इतर विश्व के किसी पंथ, संप्रदाय, विचारधारा  में नारीवाद के ऐसे मुक्त विचार का उदाहरण नहीं मिलता जहाँ स्त्री पुरुष स्वतंत्र भी है और परस्पर पूरक भी! जहाँ नारी व्यक्तित्व भी है, व्यक्ति भी! जहाँ पुरुष स्त्री की स्वतंत्रता से विस्मित भी है और उसका आधार भी! कितना सुंदर विचार! कैसा अद्भुत दर्शन! कैसा अद्वैत! कितना अद्भुत आध्यत्म!

अद्भुत!!

कितना कुछ है है हमारे धर्म में, संस्कृति।👆


सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर 

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8 Comments

Gunjan Kamal

06-Nov-2022 03:15 PM

बहुत ही सुन्दर

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Palak chopra

03-Nov-2022 03:21 PM

Shandar 🌸

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Raziya bano

01-Nov-2022 05:17 AM

Bahut khub

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